वैसे तो महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" का जन्म 21 फरवरी को 1896 में पश्चिमी बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ था, लेकिन उस दिन वसंतपंचमी थी. माँ सरस्वती ने प्रकृति का कैसा अनुपम उपहार दिया साहित्य-जगत को. वसंत पंचमी के अवसर पर निराला जी की एक प्रसिद्ध रचना के साथ हाज़िर हुई हूँ-
aadraneey kavi Nirala ji ki kavita padwaane ke liye dhanyawaad...
जवाब देंहटाएंaapko bhi basant panchmi ki badhaii..
निराला जी के कृतित्व और व्यक्तित्व से भला कौन प्रभावित न हुआ होगा....आपने निराले अंदाज में निराला जी से परिचित करा हमें अनुग्रहित ही किया है ..आभार!
जवाब देंहटाएंवन्दना जी आदाब
जवाब देंहटाएंनिराला जी की रचना के लिये आभार
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
anupam prastuti
जवाब देंहटाएंमेरी पसंद की रचना है। बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंBahut sundar rachnase ru-b-ru karaya aapne!
जवाब देंहटाएंBasant panchmee kee anek shubhkamnayen!
निराला जी अनमोल रत्न हैं. उन्हें हर काल में हमें सहेजना होगा.
जवाब देंहटाएंआप को वसंत पंचमी की अनेक शुभकामनाएं!!
vasant make you happy and more colorfull.NIRALA.
जवाब देंहटाएंBasant panchami ki shubhkamnayen. Vastutah aaj hamara desi valentine day hai. Ise manan chahiye.
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर रचना पढवाने का बहुत बहुत धन्यवाद...पढने के बाद से मन में बस यही कविता गूँज रही है...ऐसे ही आप इन कविताओं से परिचित करवाते रहें...बचपन के दिन लौट आते हैं..
जवाब देंहटाएंआपको भी वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ...निराला जी की रचना के लिये आभार
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर रचना की प्रस्तुति के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें।
इस अति सुंदर रचना के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएंniraala ji ki likhi (chhapi hui) lagbhag har kavitayein padhi hai maine... dhanyavaad yaad taaja karne ke liye...
जवाब देंहटाएंनिराला जी की इस निराली रचना के लिए बहुत बहुत आभार ........... बहुत लाजवाब रचना है .......... आपको बसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ...........
जवाब देंहटाएंbahut bhut abhar mha kavi ki utkrasht rachna padhvane ke liye .
जवाब देंहटाएंआपने गीत को अपना स्नेह दिया आभारी हूँ. इस बहाने आपके रचना संसार से परिचित होने का सौभाग्य मिला.
जवाब देंहटाएंमहाप्राण निराला को मेरा भी नमन.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज
निराला जी की इस निराली रचना के लिए बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर गीत को पोस्ट करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंजब भी महाकवि निराला का नाम आता है मन में वसंत से झूमने लगता है. याद आती है उनकी माँ सरस्वती को दी गयी शब्दांजलि-
वर दे! वीणा वादिनी वर दे...
आपको वसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएँ.
vandanaji,nirala ji ko naman aur apko vasant panchmi ki badhaiyan .
जवाब देंहटाएंNirala ji ki kavita padkar college ke dino ki yaad aa gaye.Aapko anek dhanyawaad .
जवाब देंहटाएंAdarniye Vandana ji , is prastuti ke liye aapko dhanyawad aur AAbhar.
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर रचना पढवाने का बहुत बहुत धन्यवाद...
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निराला का यह गीत...
जवाब देंहटाएंऔर बसंतपंचमी...
यह मौसम आते ही, सरसों के मच्छर (चेंपा) बाहर निकलना तक दूभर कर देते हैं...
बड़ी मुश्किल से कटता है यह बसंत...
nirala ji ki kavita padhvane ke liye shukriyaan ,bahut hi pyari rachna lagi .
जवाब देंहटाएंGantantr diwas kee anek shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएं"वह हँसी बहुत कुछ कहती थी
जवाब देंहटाएंफिर भी अपने में रहती थी"
कितने सलीके से बात कही - "निराले" निराला जी को सादर नमन - आपको (देर से) गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई के साथ-साथ "बांधो न नाव इस ठाँव बन्धु" से साक्षात्कार कराने के लिए आभार और धन्यवाद्
मै इस गीत को गाता हूँ ।
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर गीत को पोस्ट करने के लिए धन्यवाद.
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