शनिवार, 24 नवंबर 2012

चौबीस साला सफ़र........

ये तस्वीर रिसेप्शन के दिन की है ;) जैसा तैयार कर के बिठा दिया, बैठ गये :)

आइने में पीछे मेरी भांजी दीपम दिख रही है.

रिसेप्शन हॉल में ले जाती मेरी बड़ी ननद कल्पना पांडे.

कैसी दहशत होती है, जब सबकी निगाहें आप पर हों....बहुत असहज दिन होता है रिसेप्शन का...

यही हाल उमेश जी का भी रहा होगा :)

जा रही हूं वरने...उमेश जी को :) बायीं तरफ़ मेरी छोटी बहन कनुप्रिया, और दायीं तरफ़ मेरी बड़ी दीदी.

लो, वर लिया ;)

बैठे हैं दोनों चुपचाप :) आज की जोड़ी होती, तो बतिया रही होती :)

दूल्हा-वेश उमेश जी का :)

सिदूर-दान

सात-फेरे :)

:)