ये तस्वीर रिसेप्शन के दिन की है ;) जैसा तैयार कर के बिठा दिया, बैठ गये :) |
आइने में पीछे मेरी भांजी दीपम दिख रही है. |
रिसेप्शन हॉल में ले जाती मेरी बड़ी ननद कल्पना पांडे. |
कैसी दहशत होती है, जब सबकी निगाहें आप पर हों....बहुत असहज दिन होता है रिसेप्शन का... |
यही हाल उमेश जी का भी रहा होगा :) |
जा रही हूं वरने...उमेश जी को :) बायीं तरफ़ मेरी छोटी बहन कनुप्रिया, और दायीं तरफ़ मेरी बड़ी दीदी. |
लो, वर लिया ;) |
बैठे हैं दोनों चुपचाप :) आज की जोड़ी होती, तो बतिया रही होती :) |
दूल्हा-वेश उमेश जी का :) |
सिदूर-दान |
सात-फेरे :) |
:) |