अपनी बात...
शनिवार, 12 मई 2012
मेरी मां....
हमारे देश में मातृ-दिवस मनाये जाने की सार्थकता मुझे समझ में नहीं आती, क्योंकि यहां तो हर दिन
मातृ-दिवस सा है...फिर भी अब जब हम इसे मनाते ही हैं, तो इसी बहाने उन्हें प्रणाम.......
माँ
युग दृष्टि
से साभार
तस्वीर- उमेश दुबे
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