ज़िन्दगी के कुछ ऐसे पल,
जिन्हें हम भोगना चाहते हैं,
लेकिन वे हमसे दूर भागते हैं;
शायद हमसे बचना चाहते हैं ,
हम पकडना चाहते हैं उन्हें,
और वे समा हो जाते हैं,
काल के निर्मम गाल में;
और हम परकटे परिंदे की तरह
देखते रह जाते हैं,
रह जाता है, अंतहीन इंतज़ार-
कि हम से रूठे पल कभी तो वापस आयेंगे.