रविवार, 31 जनवरी 2010

झलकियां




गण्तंत्र दिवस के अवसर पर मेरे विद्यालय के नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत

किये. उसी अवसर की कुछ झलकियां आपके लिये लाई हूं , देखें और कार्यक्रम में शामिल हो जायें.

खुले आकाश में लहराता तिरंगा ...... हर वक्त हमें आज़ाद होने का अहसास कराता....नमन.



अपने मेक-अप से बेखबर नन्हीं नर्तकियां....... अपने नृत्य के आरम्भ होने का इन्तज़ार करतीं छात्राएं

सजे-धजे नर्तक दल अपनी बारी के इन्तज़ार में................ ये है पंजाब का लोक-नृत्य भांगडा.


सीनियर और जूनियर छात्र नृत्य प्रस्तुत करते हुए......


विद्यालय की पूर्व छात्रा विधु ने कार्यक्रम का संचालन किया जबकि शिउली सिंहरॉय ने हारमोनियम पर संगत की.
केयर पब्लिक स्कूल परिवार.



35 टिप्‍पणियां:

  1. गणतंत्र समारोह की सुन्दर प्रस्तुति।
    नीले आसमान में तिरंगे की छटा तो मनभावन है।

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  2. बेहद आकर्षक और खूबसूरत तस्वीरें..
    स्कूल के दिनो की यादें ताज़ा हो गयीं.

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  3. सुन्दर प्रस्तुति
    बोलती हुई तश्वीरें .

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  4. वंदना जी आदाब
    राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी पर
    भारतीय संस्कृत्ति की ये यादगार
    झांकी प्रस्तुत करने के लिये बधाई

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  5. बड़ी सुन्दर! धूप धुली-खिली खिली फोटो हैं! दिखाने के लिये शुक्रिया!

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  6. vandana har bar ki tarah main is baar bhider se aayi lekin man praphullit ho gaya in pyari pyari tasveeron ko dekhkar ,ham sab se share karne ke liye dhanyavad .

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  7. is rashtriya parv ke aayojan me to shaamil rahi hi, yahan blog ki tasvir me bhi hajir ho gayi main ,iski to umeed hi nahi ki thi kafi garv mahsoos kar rahi hoon .sachmuch is mahaul me adbhut aanand ki anubhuti hoti hai .vande matram .jai hind .

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  8. Vandna jee...wakai tasviten bol rahi hai ....kaphi achcha laga ...republic day ka programm...

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  9. बहुत ही सुंदर हैं सारे चित्र ........... बच्चों का उत्साह दिल से होता है तो और भी अच्छा लगता है देख कर ...........

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  10. मज़ा आ गया इन तस्वीरों को देखकर । हम् लोग भी कितनी खुशियाँ ढूंढ लेते है ।

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  11. बेहतरीन तस्वीरो के माध्यम से आपने जीवंत कर दिया समारोह

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  12. सुंदर झलकियाँ.....


    नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....

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  13. सुन्दर तस्वीरे...

    आपने तो पूरे समारोह के दर्शन करवा दिये
    धन्यवाद ...

    ------ राकेश वर्मा

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  14. ०-संजय जी,
    ०- डॉ. दराल,
    ०- मनोज जी,
    ०- अर्कजेश जी,
    ०- हास्यफुहार जी,
    ०- अल्पना जी,
    ०- अरशद जी,
    ०- शाहिद जी,
    ०- अनूप जी,
    ०- इस्मत जी,
    ०- समीर जी,
    ०- देवेन्द्र जी,
    ०- शास्त्री जी,
    ०- ज्योति जी,
    ०- मार्क जी,
    ०- दिगम्बर जी,
    ०- डॉ. अनुराग जी,
    ०- शरद जी,
    ०- वर्मा जी,
    ०- महफ़ूज़ भाई,
    ०- राकेश जी,
    ०- क्षमा जी
    ०- निर्मला जी.
    आप सबको कितना धन्यवाद दूं? समारोह में आप सबको शामिल करना चाहती थी, सो मेरा प्रयास सफल हुआ.

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  15. हाई वंदना जी, कैसी हैं आप???
    अरसा हो गया न बात किये Huey!!
    अभी फिर से आ गयी हूँ , आशा करती हूँ तिकूंगी थोडे दिन :)
    अब इन तस्वीरों का क्या कहना........ये तो कमाल है!

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  16. देर, बहुत देर से आया. और इस ब्लॉग पर तो पहली बार आया. गणतन्त्र दिवस के चित्रों ने भूली बिसरी बहुत सी यादें ताज़ा कर दीं. नीचे वाली पोस्ट भी पढ़ डाली.
    एक बात बताऊँ, आप फ़िलहाल मेरे तक ही सही, कामयाब रहीं. मैं ग्रुप फोटो में आपको पहचानने की नाकाम कोशिश करता ही रह गया. आपने उस चित्र के नीचे, बैठे लोगों के नाम शायद इसी वजह से नहीं लिखे कि अपना भी लिखना पड़ता और फिर लोग कहते----हाय! वक्त कमबख्त कितना ज़ालिम होता है, बेचारी वन्दना!!!
    एक बात और- इतनी ढेर सारी महिला टीचर्स--- और केवल एक पुरुष! बहुत नाइंसाफी है ये. वो भी पता नहीं स्टाफ है या है या आयोजन में मुख्या अतिथि-अध्यक्ष वगैरह. ये नया आरक्षण ठीक नहीं है.

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  17. ०- स्वागत है अरुणा जी. पता नहीं कहां चली जाती हैं आप! अब मत जाइयेगा.
    ०- धन्यवाद सर्वत साहब. नाम केवल इसलिये नहीं लिखे, कि कहीं किसी की निजता का उल्लंघन न हो. वैसे बायें से दूसरे नम्बर पर मैं ही हूं. और एकमात्र पुरुष मेरे पतिदेव उमेश जी हैं.

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  18. .... पहला फ़ोटो पुरुस्कार प्राप्त करने लायक है!!!

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  19. धन्यवाद वन्दना जी, ये हुई ना बात. आपकी यह तस्वीर बहुत खूबसूरत लगी. इस में आप अपने स्वाभाविक रूप में हैं. आपका प्रोफाइल खोला तो एक बार डर गया, अरे खौफ से नहीं...मुझे लगा कि शायद गलती से किसी और का खुल गया है. फिर, कंटेंट्स देखे तो इत्मीनान हुआ कि सही जगह पर हूँ. भाई साहब भी माशा अल्लाह बेहद शानदार पर्सनालिटी के मालिक हैं. मेरा सलाम उन तक पहुंचा दीजिएगा. मुझे उम्मीद है, अब आपका यह मौलिक चित्र ही हमें दर्शन हेतु दर्शन देगा.

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  20. ०-धन्यवाद गिरीश जी.
    ०- धन्यवाद श्याम जे.
    ०- तारीफ़ के लिये शुक्रिया सर्वत साहब. तस्वीर वो भी मौलिक थी और ये भी. फ़र्क केवल इतना है, कि ये तस्वीर दो दिन पुरानी है, वो दो साल पुरानी थी. उमेश जी तक आपका सलाम ज़रूर पहुंचा दूंगी.

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  21. माननीय ,
    जय हिंद
    महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यह
    शिवस्त्रोत

    नमामि शमीशान निर्वाण रूपं
    विभुं व्यापकं ब्रम्ह्वेद स्वरूपं
    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
    चिदाकाश माकाश वासं भजेयम
    निराकार मोंकार मूलं तुरीयं
    गिराज्ञान गोतीत मीशं गिरीशं
    करालं महाकाल कालं कृपालं
    गुणागार संसार पारं नतोहं
    तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं .
    मनोभूति कोटि प्रभा श्री शरीरं
    स्फुरंमौली कल्लो लीनिचार गंगा
    लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा
    चलत्कुण्डलं भू सुनेत्रं विशालं
    प्रसन्नाननम नीलकंठं दयालं
    म्रिगाधीश चर्माम्बरम मुंडमालं
    प्रियम कंकरम सर्व नाथं भजामि
    प्रचंद्म प्रकिष्ट्म प्रगल्भम परेशं
    अखंडम अजम भानु कोटि प्रकाशम
    त्रयः शूल निर्मूलनम शूलपाणीम
    भजेयम भवानी पतिम भावगम्यं
    कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
    सदा सज्ज्नानंद दाता पुरारी
    चिदानंद संदोह मोहापहारी
    प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
    न यावत उमानाथ पादार विन्दम
    भजंतीह लोके परे वा नाराणं
    न तावत सुखं शान्ति संताप नाशं
    प्रभो पाहि आपन्न मामीश शम्भो .

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  22. vah bahut badiya likha hai ,ham sab ki vidambna yahi hai ki sab kuch dekh kar bhi mon rahtey hai

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