मंगलवार, 24 फ़रवरी 2009

गूंगे निकल पडे हैं जुबां की तलाश में,
सरकार के खिलाफ़ ये साजिश तो देखिये।
उनकी अपील है,कि उन्हें हम मदद करें,
चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये।
दुष्यंतकुमार