आप सबने शिकायत की कि मैंने अपनी होली का विवरण क्यों नहीं दिया? तो मेरी होली तो इस परिचर्चा का आमंत्रण भेजने के दूसरे दिन से ही शुरू हो गई थी.....आप सबके रंग-बिरंगे विचारों के ज़रिये मैंने तो इतनी होली खेली, जितनी कभी नहीं खेली थी।
तो अब आप ही बताएं,

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की संध्या पर शुभकामनायें आप सबको.......
मैं उसे घर की देवी कहता था
हालाँकि कहते वक्त भी मुझे लगता था
कि अपनी बच्ची को
कहे गए ये शब्द
उसे जबरन एक भार से लाद देते हैं
कि वो बोलने वाले
माँ-बाप भी
बच्ची को जितना स्नेह करते हैं
उससे कहीं ज्यादा उम्मीद भी
लेकिन क्या करें
कि उसे पहली बार
जब माँ की गोद में देखा
और उसके बाद तब से लेकर
अब तक
जब जब भी देखा
जैसे एक उजास सा उतर आया
आकाश से दिल में
कि जैसे बज गई हो
सरस्वती के हाथों में वीणा
मेरे घर के कमरों, आंगन और
बगीचों में
लेकिन क्या ऐसा लगना ठीक है?
या थोडा जगना ठीक है
कि इस उजास को भी
अपना एक वृत्त चाहिये
अपनी परिधि
और अपना केन्द्र
कि इस वीणा का भी
अपना कमरा होना चाहिए
अपना आंगन
अपना बगीचा
कि जिसमें उसके स्वर
उतनी ही सहजता से
उतनी ही आज़ादी से
खिलते हों
जितने कि देवी के यहां
जितने कि उस ईश्वरीय दुनिया में
जहां से उसे यहां भेजा गया
न सिर्फ़ पापा-मम्मी की उम्मीद पूरी करने
बल्कि
ईश्वर की भी
( आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मध्य-प्रदेश जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी ये रचना मुझे इतनी अच्छी लगी कि आप सब को इसे पढाने का लोभ संवरण न कर सकी।)
चित्र: गूगल से साभार
Aapko bhi अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंRachna paper mein padhi thi phir se padhi bahut achhi lagi. aur kyun na achhi ho jab itne sundar bhav hon ...
Aapko bhi अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें
bahut bahut shubhkaamnaaye
जवाब देंहटाएंबेहद मनोभावी रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!!
जवाब देंहटाएं.
.
ऐसे मनाये महिला दिवस
सर्वसाधारण के हित में >> http://sukritisoft.in/sulabh/mahila-diwas-message-for-all-from-lata-haya.html
महिला दिवस पर एक सार्थक प्रयास।
जवाब देंहटाएंआभार।
बहुत खूब, लाजबाब !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना ... सच है नारी का सम्मान और प्यार दोनो ही करना चाहिए ... नारी ज़्यादा सनशील है, कठोर है, त्याग की मूरत है ....
जवाब देंहटाएंबढियां लगी आपकी पोस्ट.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमध्य-प्रदेश जनसम्पर्क विभाग ने महिला दिवस के अवसर पर अच्छी कविता प्रकाशित की है. यहाँ पोस्ट करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंAapke phir ekbaar aabhaar aur aur abhinandan!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंसशक्त अभिव्यक्ति!
नारी-दिवस पर मातृ-शक्ति को नमन!
बढ़िया और यादगार परिचर्चा रही वंदना जी ! शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंवंदना जी, आभारी तो हम सब आपके हैं, कि ये सुन्दर आयोजन किया गया.
जवाब देंहटाएंये सिलसिला विभिन्न अवसरों पर जारी रखने का वादा कीजिये.
महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.
बहुत बहुत शुभकामनाये महिला दिवस की सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
www.विचारो का दर्पण.blogspot.com
धन्यवाद के लिये भी धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंbahut hi shasakt abhivyakti..
जवाब देंहटाएंaabaar..
वन्दना ,ये तो मुझे मालूम है कि तुम बातों की धनी हो इसी लिए अपनी होली का विवरण न देने की भी जाएज़ वजह पेश कर दी ,बहर हाल मज़ा आया
जवाब देंहटाएंकवित जिस ने भी लिखी है भाव सुन्दर हैं ,मन को छूते हैं ,
एक अच्छी कविता के लिए धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना पढवाने के लिए आभार और हां होली वाली पोस्ट में शामिल न हो पाने के लिए अफ़सोस , खैर अगली बार के लिए सतर्क रहूंगा
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
एक अच्छी कविता की प्रस्तुती पर बधाई. नाम भी साथ होता तो और अच्छा लगता
जवाब देंहटाएंअच्छे भाव है बहुत ही शशक्त रचना है ....नारी सबल और सर्व शक्तिमान है ...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा पोस्ट
जवाब देंहटाएंनारी हमेशा से पूज्यनीय रही है
और रहेगी
आभार....................
महिला दिवस पर एक सार्थक रचना.....!।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंमगर महिला दिवस......??
क्या कोई दिन ऐसा भी होता है जब महिला दिवस नहीं होता....?
अपुन कि लाइफ में तो एक भी दिन ऐसा नहीं आया...
:)
इतनी सुन्दर कविता पढवाने के लिए बहुत सारा thanku ...आगे भी ऐसी ही ख़ूबसूरत रचनाओं से रु ब रु करवाती रहना...:) ( सॉरी मैं जरा लेट हो गयी)
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना! महिला दिवस की बहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंसार्थकता इसे कहते हैं शायद.!भाव व्यक्त करने में सक्षम .
जवाब देंहटाएंbahut hi achchhee kavita share ki aap ne ham se.
जवाब देंहटाएंdhnywaad.
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paricharcha ka prayog anootha tha,iski saflta ke liye aap ko hi shrey jata hai.
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बहुत सुन्दर और भावमय रचना है बधाइ आपको भी।
जवाब देंहटाएंवन्दना जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी और दिल को चू लेने वालई कविता पढ़वाई आपने, धन्यवाद।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
rachana bahut acchee lagee aabhar
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai mahila divas ki is sundar rachna ke saath .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति....बधाई !!
जवाब देंहटाएं______________
सामुदायिक ब्लॉग "ताका-झांकी" (http://tak-jhank.blogspot.com)पर आपका स्वागत है. आप भी इस पर लिख सकते हैं.
मेरे पास कोई शब्द नहीं है...क्या तारीफ़ करूं?
जवाब देंहटाएंवंदना जी, आभारी तो हम सब आपके हैं, कि ये सुन्दर आयोजन किया गया.
जवाब देंहटाएंये सिलसिला विभिन्न अवसरों पर जारी रखने का वादा कीजिये.
महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
आभार इस रचना को पढ़वाने का...
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