वैसे तो महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" का जन्म 21 फरवरी को 1896 में पश्चिमी बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ था, लेकिन उस दिन वसंतपंचमी थी. माँ सरस्वती ने प्रकृति का कैसा अनुपम उपहार दिया साहित्य-जगत को. वसंत पंचमी के अवसर पर निराला जी की एक प्रसिद्ध रचना के साथ हाज़िर हुई हूँ-
वसंत पंचमी पर निराला जी की बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुति हेतु धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंवसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत आभार कविता जी.
हटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका.
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (24-01-2018) को "महके है दिन रैन" (चर्चा अंक-2858) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभारी हूं.
हटाएंप्रेरक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया.
हटाएंnice lines, looking to convert your line in book format publish with HIndi Book Publisher India
जवाब देंहटाएंआदरणीय, ये निराला जी की कविता है, मेरी नहीं.
हटाएंआभार प्रतिभा जी.
जवाब देंहटाएंबसंत पर्व पर निराला को याद करना हमारा धर्म है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
हार्दिक शुभकामनाएं
सादर
nishchit roop se.
हटाएंमेरा नाम संदीप है, और मैं आप लोगों की वेबसाइट को हमेशा फॉलो करता हूं, मुझे उम्मीद है कि आप आगे भी अच्छी-अच्छी चीजें लाते रहेंगे
जवाब देंहटाएंmam aap bhut achi post likhte ho me apki Website ko bhut time se follow krta hun
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