सोमवार, 22 जनवरी 2018

वसन्त......

वैसे तो महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" का जन्म 21 फरवरी को 1896 में पश्चिमी बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ था, लेकिन उस दिन वसंतपंचमी थी. माँ सरस्वती ने प्रकृति का कैसा अनुपम उपहार दिया साहित्य-जगत को. वसंत पंचमी के अवसर पर निराला जी की एक प्रसिद्ध रचना के साथ हाज़िर हुई हूँ- 

15 टिप्‍पणियां:

  1. वसंत पंचमी पर निराला जी की बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुति हेतु धन्यवाद !
    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (24-01-2018) को "महके है दिन रैन" (चर्चा अंक-2858) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. बसंत पर्व पर निराला को याद करना हमारा धर्म है
    बहुत सुंदर
    हार्दिक शुभकामनाएं

    सादर

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  5. मेरा नाम संदीप है, और मैं आप लोगों की वेबसाइट को हमेशा फॉलो करता हूं, मुझे उम्मीद है कि आप आगे भी अच्छी-अच्छी चीजें लाते रहेंगे

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