बच्चों ने बडे उत्साह के साथ कार्यक्रम की तैयारियां कीं. हालांकि सर्दी के कारण अचानक घोषित छुट्टियों के चलते उन्हें रिहर्सल का पर्याप्त समय नहीं मिल सका.
छोटे-छोटे बच्चे जब गीत सुनाते हैं, तब कितना अच्छा लगता है, भले ही कुछ ग़लतियों के साथ सुनायें, या बीच में भूल ही जायें.
अगले कार्यक्रम के लिये तैयार बच्चियों को चैन कहां....... मेक अप पूरा होते ही झांकने लगीं, दूसरे की प्रस्तुति देखने का आनन्द ही कुछ और होता है.
झांकतीं हुई बच्चियां हैं- कल्याणी पंत और नयनिका त्रिपाठी.
वन्देमातरम....की प्रस्तुति देती पूर्व छात्रा विधु, उसका साथ दे रही एक अन्य बच्ची कुछ स्टेप्स भूल रही थी, सो मुंह बना लिया है उसने, ये हम तस्वीरों में देख पाये.
नन्हा-मुन्ना राही हूं गाते नन्हे बच्चे प्रांजल और यश .
( सभी तस्वीरें- उमेश दुबे)
सुंदर प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्रमयी प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और प्यारे लग रहे हैं सारे बच्चे ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
बहुत प्यारा लगा आपका यूँ लिखना ..छोटे छोटे बच्चों की विभ्भिन मुद्राएं भी अच्छी लगीं... वाह... सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंumesh ji to tasvir bahut shaandaar khichte hai ,unhe bhi badhai aur aapko bhi ,bahut pyaari tasvire .ye nanhe munne ujjwal bhavishya hai hamare .
जवाब देंहटाएंबच्चों का सुन्दर प्रस्तुतीकरण।
जवाब देंहटाएंये नन्हे बच्चे ही तो शान हैं हमारी.स्कूल और शिक्षकों का बहुत योगदान होता है इनकी क्रिएटीविटी को उभारने में.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा इन बच्चों को देख कर.
सादर
बच्चो की सुंदर प्रस्तुति की पोस्ट अच्छी लगी....
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत चित्रों के साथ सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबच्चों की रंग बिरंगी झलकियाँ बहुत सुन्दर लगीं।
जवाब देंहटाएंसारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।
जवाब देंहटाएंजय हिंद।
आद.वंदना जी,
जवाब देंहटाएंबहुत जीवंत तस्वीरें है, बच्चों के कार्यक्रम देखकर लगता है जैसे हम स्वयं अपने बचपन में पंहुच गए हों !
धन्यवाद !
आदरणीय वंदना जी
जवाब देंहटाएंबहुत भावमयी प्रस्तुति ..देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ...आपका शुक्रिया
बच्चों को देखकर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंअच्छे सुंदर चित्र अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंतस्वीरों में भी सारे जहां से अच्छा.
जवाब देंहटाएंवन्दना अवस्थी दुबे जी
जवाब देंहटाएंसादर सस्नेहाभिवादन !
आपके विद्यालय में गणतंत्र-दिवस पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम की सचित्र पोस्ट बहुत पसंद आई । आभार !
♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !
♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं! :)
बसंत ॠतु की भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
अच्छा तो ये आपके स्कूल के बच्चे हैं .....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई आपको ....
और उमेश जी का धन्यवाद जिन्होंने ये तसवीरें खिंची .....
तश्वीरों में चेहरे के मनोभाव खूब झलकते हैं। उमेश जी बधाई के पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंबच्चे कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए बहुत उत्साहित नजर आ रहे हैं।
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति।
बधाई।
innocent photographs
जवाब देंहटाएंsundar prastuti
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस के आयोजन की प्रस्तुति बहुत प्यारी लगी..
जवाब देंहटाएंतसवीरें इतनी शानदार है तो गणतंत्र दिवस की प्रस्तुति कितनी बढ़िया रही होगी .. आपको और बच्चों को बधाई !
जवाब देंहटाएंvande mataram
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो सुन्दर सुन्दर तस्वीरों के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएंस्कूलों में सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं तो मुझे बहुत मजा आता है। आस-पास के स्कुलों में जब भी वार्षिक प्रोग्राम होते हैं तो मैं जरुर जाता हूँ।
छोटे-छोटे बच्चों की प्रस्तुति मुझे आनन्द से भर देती है।
अभी कल 20 तारीख को भी जाना है एक स्कूल में
प्रणाम स्वीकार करें
बहुत सुन्दर चित्रमयी प्रस्तुति| धन्यवाद्|
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंफोटो बहुत सुन्दर हैं ... कार्यक्रम की सफलता पर बधाई ... सारे बच्चे प्यारे लग रहे हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और प्यारे लग रहे हैं सारे बच्चे ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
bahut prabhavi prastuti...
जवाब देंहटाएंवाह... सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंbachcho ki khushiyan..blog pe beekherne ke liye dhanyawad!
जवाब देंहटाएंआद.वंदना जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
बहुत ही सुन्दर सचित्र प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की झलकियाँ आकर्षक हैं.बच्चों का उत्साह प्रशंसा लायक है.
जवाब देंहटाएंवंदना जी , आपकी नई पोस्ट का इंतज़ार है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्रमयी प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंवाह बचपन की २६ जनवरी याद दिला दी आपने । सचमुच बचपन कितना प्यारा कितना सच्चा होता है ।
जवाब देंहटाएंबड़ा मज़ा आया ये तस्वीरें देखकर...
जवाब देंहटाएंअपना स्कूल टाईम याद आ गया...
वैसे स्कूल का नाम भी होता तो और अच्छा लगता...
धन्यवाद शामिल करने के लिए.
एक छोटे से स्कूल में पढ़ाने का अपना ही मजा है।
जवाब देंहटाएंsunder prastuti.....
जवाब देंहटाएंhame apne school ke din aad agae... mai khoob gana gaa karta tha... aur apna inam apne ke viklang dost ko deta tha.
अज कल के बच्चे कितने प्रतिभावान हैं ये इन समारोहों से ही पता चलता है इस रिपोर्ट के लिये धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत मोहक लगी आपकी यह प्रस्तुति
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