शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

जय हो................


अन्ना, हम तुम्हारे साथ हैं........

लिखते-लिखते-
जीते अन्ना-जीता देश......जय हो

23 टिप्‍पणियां:

  1. दुष्‍यंत का एक शेर याद आ रहा है-
    कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता
    एक पत्‍थर तो तबीयत से उछालो यारो
    *
    जय हो।

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  2. वंदना जी, पूरे देश ने दिखा दिया है, कि मुद्दों के समाधान के लिए ईमानदार नेतृत्व में सब साथ हैं.

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  3. स्‍वागतेय ताजी वैचारिक बयार. (आंधी, तूफान, सुनामी क्‍यों नहीं कहा, ऐतराज न हो.)

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  4. आदरणीय वंदना जी
    नमस्कार !
    अन्ना तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं
    ......अन्ना ही जीतेंगे

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  5. कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
    माफ़ी चाहता हूँ

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  6. अचानक भारी भ्रष्टाचार की गंदगी के बीच जन्मे इस कमल-पुरुष अन्ना ने जिस लोकपाल ब्रह्मा को पैदा किया है वह आने वाले समय में निरंकुश मंत्रियों की सृष्टि पर अंकुश लगाएगा.

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  7. अन्ना जी का सपना सच में तबदील हो जाए, यही कामना है।

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  8. नेतृत्व चाहिए था और जब मिला तो सब साथ हो लिए , ये तो अभी अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है.

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  9. सत्यमेवजयते.सभी को अन्ना की जीत की बधाई.
    आप मेरी पोस्ट 'वन्दे वाणी विनयाकौ' पर अभी तक नहीं आ पाई है.आपका बेसब्री से इंतजार है.
    कृपया,निराश न कीजिये.

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  10. वंदनाजी जय हो.
    भृष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आप भी शामिल हो गयीं मैं आपको बधाई देता हूँ. जंग ज़ारी रखें

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